Equity Mutual Funds Gear Up: Cash Holdings Dip as Deployment Surges in September 2025
बाजार में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स क्यों डाल रहे हैं पैसा! कैश होल्डिंग ट्रेंड का इशारा समझिए?
Mata Securities की लेटेस्ट रिपोर्ट में कैश होल्डिंग को लेकर कुछ ऐसे तथ्य निकलकर सामने आए हैं, जिन्हें एक निवेशक होने के नाते जरूर जानना चाहिए. इससे आपको ये समझने में मदद मिलेगी कि मार्केट की उठा-पटक के बीच फंड हाउसेज कैसे अपनी लिक्विडिटी को मैनेज करते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर, 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने इक्विटीज में 46,442 करोड़ रुपये का निवेश किया, ओवरऑल कैश होल्डिंग्स 1.99 लाख करोड़ रुपये. हालांकि अगस्त में भी करीब करीब इतनी ही कैश होल्डिंग थी, 1.98 लाख करोड़ रुपये. जो इस बात को दर्शाता है कि बाजार में मौके देखकर पैसा डालने की रणनीति के तहत काम हो रहा है.
इस रिपोर्ट में कुछ प्वाइंट्स को बताया गया है, जिन्हें समझने की जरूरत है.
कैश होल्डिंग रेश्यो गिरा, इसका क्या मतलब?
सितंबर में टॉप 20 AMCs का औसत कैश होल्डिंग रेश्यो गिरकर 4.57% पर आ गया, जबकि अगस्त में ये 4.82% रहा था. जिससे कुल कैश होल्डिंग रेश्यो 5% के नीचे ही बना हुआ है. इसका क्या मतलब हुआ और इससे हमें क्या मायने निकालने चाहिए, चलिए इसको आपके लिए थोड़ा आसान करके समझाता हूं.
देखिए AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां, जो कि म्यूचुअल फंड्स में बड़े प्लेयर होते है. जैसे ICICI प्रूडेंशियल, SBI MF, HDFC MF वगैरह. ये निवेशकों के पैसों को मैनेज करती हैं, उस रकम को जिसे AUM कहते हैं. इन AMC के पास AMC में एक हिस्सा कैश का भी होता है, जिन्हें न तो वो शेयर मार्केट में लगाते हैं और न ही किसी दूसरे एसेट्स में निवेश करते हैं. वो उनके पास बस ऐसे ही पड़ा रहता है. अब इस कैश पर आपको क्यों नजर रखनी चाहिए, जरा इसको भी समझ लीजिए.
- जब ये AMCs उस कैश को इक्विटीज में लगाना शुरू करती हैं तो ये माना जाता है कि उनको ये भरोसा है कि शेयर बाजार आने वाले समय में अच्छा परफॉर्म करेगा, उनके निवेश में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी. यानी उनके पास कैश कम हो रहा है तो ये अच्छा है.
- जब इन AMCs के पास कैश बढ़ जाता है, तो ये मान सकते हैं कि वो अभी सही मौके का इंतजार कर रही हैं, जब सही वक्त आएगा तब वो इस पैसे को इक्विटीज में डालेंगी. मतलब ये कि अभी म्यूचुअल फंड्स cautious हैं, उन्हें बाजार पर भरोसा नहीं है.
- यानी सितंबर में म्यूचुअल फंड्स ने इक्विटीज में जमकर खरीदारी की, जिससे कैश कम हो गया और इनफ्लो भी मंथली बेसिस पर कम रहा है. जिसकी वजह से कैश होल्डिंग रेश्यो कम हो गया.
इनफ्लो पस्त, SIP मस्त!
इक्विटी म्यूचुअल फंड इनफ्लो लगातार दूसरे महीने फीका रहा है. सितंबर में सिर्फ 30,421 करोड़ रुपये ही आए, जो कि अगस्त से 9% कम हैं. अगस्त में 33,430 करोड़ रुपये इनफ्लो था. जुलाई में ये 42,703 करोड़ रुपये था. एक तरह से देखें तो लगातार तीसरे महीने इनफ्लो घटा है.
जबकि SIP निवेश ने खुद को रॉकस्टार साबित किया है, अपने ही सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. सितंबर में SIP इनफ्लो ने 29,361 करोड़ रुपये का नया रिकॉर्ड बनाया है. जो इस बात को दर्शाता है कि बाजार कैसा भी हो, निवेशकों को एक सिस्टमैटिक और स्थायी निवेश पर पूरा भरोसा है.
किस AMC के पास कितना कैश?
किस म्यूचुअल फंड्स के पास कितना कैश है, Mata Securities ने टॉप 20 AMC की लिस्ट जारी की है. PPFAS Mutual Fund के पास 28,152 करोड़ रुपये कैश मौजूद है, जिसकी वजह से इसका कैश टू- AUM रेश्यो सबसे ज्यादा 22.46% है. जो कि इस बात को दर्शाता है कि इक्विटीज में पैसा डालने को लेकर उसका नजरिया अभी कन्जर्वेटिव है, लेकिन मौका पड़ने पर तुरंत अटैक करेगा. जबकि SBI म्यूचुअल फंड के पास सबसे ज्यादा कैश मौजूद है, 31,272 करोड़ रुपये, लेकिन कैश होल्डिंग रेश्यो 4.28% है. जो कि ये दर्शाता है कि इनफ्लो को अच्छे तरीके से मैनेज किया हुआ है और थोड़ा सतर्क भी है.
इक्विटी MF कैटेगरी में कहां कितना कैश
कॉन्ट्रा और फ्लेक्सी कैप फंड लिक्विडिटी चार्ट में सबसे आगे
- कॉन्ट्रा फंड 15% (₹10,661 करोड़) के सबसे ज्यादा कैश-टू- AUM रेश्यो के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है. जो बाजार की अनिश्चितता के बीच एक बहुत ही ज्यादा डिफेंसिव और अवसरवादी नजरिए को दर्शाता है.
- फ्लेक्सी कैप फंड 9.74% (₹49,502 करोड़) के साथ दूसरे नंबर पर हैं, जो फंड मैनेजर्स की उठा-पटक परिस्थितियों से निपटने के लिए लिक्विडिटी और टैक्टिकल फ्लेक्सिबिलिटी पर ध्यान देने का संकेत देता है.
- स्मॉल कैप और फोकस्ड फंड्स ने हाई कैश लेवल बनाए रखा: स्मॉल कैप फंड्स के पास AUM का 7.88% कैश (₹28,111 करोड़) है, जो छोटी कंपनियों में तेज उतार-चढ़ाव को देखते हुए सतर्क नजरिए को दर्शाता है.
- फोकस्ड फंड्स ने 6.87% रेश्यो (₹11,209 करोड़) के साथ, अपनी फोकस्ड पोर्टफोलियो रणनीतियों को सपोर्ट करने के लिए मजबूत बफर बनाए रखा है.
सभी इक्विटी MF स्कीम्स में कैश रिजर्व का लेखा जोखा
पराग पारिख और SBI कॉन्ट्रा कैश रेश्यो में सबसे आगे
- पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड 22.84% (₹27,341 करोड़) के हाई कैश-टू-AUM रेश्यो के साथ लिस्ट में टॉप पर है. जो एक मजबूत लिक्विडिटी रुख को दर्शाता है.
- SBI कॉन्ट्रा फंड के पास 20.08% (₹9,479 करोड़) कैश है, जो बाजार की अनिश्चितता के बीच एक सतर्क लेकिन अवसरवादी नजरिए का संकेत देता है
- HDFC फ्लेक्सी कैप फंड 12.06% (₹10,317 करोड़) कैश है, जो वैल्युएशन के अनुकूल होने पर निवेश के लिए तत्परता दर्शाता है
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