Retail Owners, No Promoters: 10 Stocks to watch in 2025

इन 10 कंपनियों में प्रमोटर नहीं, रिटेलर हैं मालिक! कहीं आपके पोर्टफोलियो में तो नहीं?

शेयर बाजार में ऐसी ढेरों कंपनियां हैं, जिनमें प्रमोटर्स होल्डिंग या तो जीरो है, या नहीं के बराबर है, ऐसी कंपनियों में रिटेल निवेशक बैठे हैं या फंसे है जो भी कह लें. मैं ऐसी 10 कंपनियों के बारे में बताने जा रहा हूं, जिनमें सबसे बड़ी होल्डिंग रिटेल निवेशकों की है, यानी रिटेलर ही इस कंपनी के असली मालिक हैं, ऐसा समझ लीजिए. FIIs और DIIs ने भी इन कंपनियों को दूर से ही नमस्कार किया है. इसलिए अगर आप भी इनमें से किसी कंपनी में हैं तो तुरंत अपने निवेश सलाहकार को फोन घुमाएं और उनसे सलाह लें. बाकी मेरा काम जानकारी देने का है, तो मैं दे रहा हूं.   



इस ब्लॉग में ताजा शेयरहोल्डिंग के आंकड़ों के आधार पर, ऐसे 10 शेयरों की लिस्ट निकाली है. जिनमें रिटेल निवेशकों की ओनरशिप 37% से ज्यादा है, किसी में ये 60% से ज्यादा है. ये कंपनियां IT, टेलीकॉम, रियल एस्टेट, इंजीनियरिंग सेक्टर से हैं. 

Note: रिटेल निवेशक वो होते हैं जिनकी होल्डिंग 2 लाख रुपये तक होती है, 2 लाख रुपये से ज्यादा की होल्डिंग वाले HNIs कैटेगरी में आते हैं. 

1. 3i Infotech: 48.98% 

इस कंपनी में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 48.98% है. प्रमोटर्स की होल्डिंग जीरो है. FIIs (0.77% ), DIIs (0.01%) की होल्डिंग भी नहीं के बराबर है. FY24 में 300 करोड़ रुपये का घाटा रिपोर्ट करने के बाद कंपनी FY25 में प्रॉफिट में लौटी है

2. Jyoti Structure: 38.69%

इलेक्ट्रिसिटी, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और सब-स्टेशन के काम से जुड़ी इस कंपनी में भी प्रमोटर्स की होल्डिंग जीरो है और रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 38.69% है.  FIIs (1.04%), DIIs (0.45%) की होल्डिंग भी नहीं के बराबर है. लगातार 9 वित्त वर्षों से घाटा रिपोर्ट कर रही कंपनी ने पहली बार FY24 में मुनाफे का स्वाद चखा. इस कंपनी ने FY13 डिविडेंड पेआउट भी दिया था, लेकिन उसके बाद ऐसा कभी नहीं हुआ. 

3. Subex: 60.04%

ये पूरी दुनिया में टेलीकॉम इंडस्ट्री में कम्यूनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर को ऑपरेशंस और बिजनेस सपोर्ट सिस्टम्स मुहैया कराती है. ये AI-driven फ्रॉड डिटेक्शन भी देती है. इसमें भी प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की शेयरहोल्डिंग जीरो है. रिटेल निवेशकों का हिस्सा 60.04% है. FIIs (0.77%), DIIs (0.01%) की होल्डिंग भी नहीं के बराबर है. कंपनी हालांकि कर्ज मुक्त है, लेकिन इसका ROE बीते तीन साल से -11 के आस-पास है. कंपनी को लगातार घाटा हुआ है. 

4. Reliance Communications Ltd: 46.33%

देश में टेलीकॉम शेयरों के हाल कभी भी अच्छे नहीं रहे, जहां तक रिलायंस कम्यूनिकेशंस की बात है, ये भी अलग नहीं है. हालांकि इसमें प्रमोटर्स शेयरहोल्डिंग जीरो नहीं है 0.77% है. इसके प्रमोटर्स में कोकिला अंबानी, अनिल अंबानी, टीना अंबानी शामिल हैं. जबकि रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 46.33% है. इस कंपनी का घाटा 9,700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. 

5. Avance Tech: 62.47%

500 करोड़ रुपये से भी कम मार्केट कैप वाली इस माइक्रोकैप IT कंपनी में भी प्रमोटर्स शेयरहोल्डिंग 1% से भी कम 0.68% है. जबकि रिटेल होल्डिंग 62.47% है. कंपनी के पास नाममात्र का प्रॉफिट है. FIIs, DIIs दूर-दूर तक नहीं हैं. 

6. Rolta India: 57.77%

कंपनी अभी इनसॉल्वेंसी से जूझ रही है और कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस से गुजर रही है. कंपनी के ऊपर क्रेडिटर्स का 14,000 करोड़ रुपये बकाया है. कंपनी में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 57.77% है, जबकि प्रमोटर्स की होल्डिंग 2.31% है. 

7. Unitech: 37.80%

रियल एस्टेट की इस कंपनी के ऊपर तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. प्रमोटर्स हिस्सेदारी के नाम पर 3.72% होल्डिंग है. जबकि रिटेल होल्डिंग 37.80% है. FIIs, DIIs की इस कंपनी में नहीं के बराबर हिस्सेदारी है. कंपनी का घाटा लगातार बढ़ा है और 3,100 करोड़ रुपये के पार है. 

8. Take Solutions: 39.36%

इस कंपनी के शेयरों में आजकल भारी बिकवाली देखने को मिल रही है. Q2FY26 में कंपनी ने 6.28 करोड़ रुपये का घाटा पोस्ट किया है. कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी सितंबर में 5.19% है. जबकि जून 2025 में प्रमोटर की हिस्सेदारी 53.34% थी. जिसकी वजह से पब्लिक शेयरहोल्डिंग जो कि जून में 46.65% थी, सितंबर में 94.81% हो गई, इसमें भी रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 39.36% है. 

9. Coffee Day: 37.73% 

कंपनी में प्रमोटर होल्डिंग 8.21% है. पब्लिक होल्डिंग 91.79% है और रिटेल होल्डिंग 37.73% है. DIIs के पास 1.18%, FIIs के पास 0.47% शेयर हैं. कंपनी को लगातार पांच सालों से घाटा हो रहा है. 

10. BCG: 43.42%

Brightcom Group Ltd. में प्रमोटर्स होल्डिंग 18.38% है. जबकि रिटेल हिस्सेदारी 43.42% है. FIIs के पास कंपनी के 8.01% शेयर हैं. कंपनी लगातार मुनाफा पोस्ट कर रही है. कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्ज नहीं है, करीब करीब कर्जमुक्त है. 

देखिए जब किसी कंपनी में प्रमोटर अपनी होल्डिंग बेचकर निकल लेता है और सारा हिस्सा रिटेल को चिपका दिया जाता है, तो ये कोई अच्छा संकेत नहीं है. अगर प्रमोटर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को लगातार घटाने लगे तो ये समझ लीजिए कि उसको अपनी कंपनी की फ्यूचर ग्रोथ पर भरोसा नहीं है. ऊपर जितनी भी कंपनियां दी गईं हैं अगर आपको उनको देखें तो ज्यादातर की सेहत ठीक नहीं हैं. उनमें से कई वित्तीय संकट, रेगुलेटरी दिक्कतों से जूझ रहीं हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि जिस कंपनी में प्रमोटर नहीं होता वो सारी बुरी कंपनियां ही होती है, HDFC Bank को ही देख लीजिए,जिसमें प्रमोटर होल्डिंग नहीं है, लेकिन रिटेल होल्डिंग 9.56% ही है, ज्यादातर हिस्सा FIIs, DIIs के पास है और ये एक प्रोफेशनल तरीके चलने वाली कंपनी है. इसलिए किसी भी निवेश से पहले अपने निवेश सलाहकार से जरूर संपर्क करें.

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