Why Indian IT Giants TCS, Wipro Infosys Spend Up to 60 percent of Their Revenue on Employees

 AI, ऑटोमेशन और छंटनी के बावजूद IT कंपनियों का बढ़ा कर्मचारियों पर खर्च! क्या कहता है ट्रेंड

जब दुनिया भर बड़ी बड़ी कंपनियां ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तेजी से बढ़ते प्रभाव के चलते लोगों को नौकरियों से निकाल रही हैं. भारत में IT कंपनियों का कर्मचारियों पर होने वाला खर्च बढ़ रहा है. ऐसा नहीं है कि भारत की IT कंपनियों पर दबाव नहीं है, लेकिन बीते कुछ सालों में इन कंपनियों ने एट्रिशन रेट को कम करने के लिए हायरिंग पर ताकत लगाने की बजाय टैलेंट को बनाए रखने पर ज्यादा फोकस किया. 
Why Indian IT Giants Spend Up to 60% of Their Revenue on Employees



देश की चार IT दिग्गज कंपनियों TCS, Infosys, HCL Tech और विप्रो ने कुछ अपवादों को छोड़कर कर्मचारी लागत (Employee cost) को 50% से 60% के बीच बनाए रखने की कोशिश की है. कर्मचारी लागत में कंपनियां अपने रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों की सैलरी और ट्रेनिंग पर खर्च करती हैं. इस मामले में TCS सबसे आगे है, जो कि कुल रेवेन्यू का 57% हिस्सा कर्मचारियों पर खर्च करती है जो कि 1,45,788 करोड़ रुपये है. वो इसलिए भी है क्योकि टाटा की कंपनियां कर्मचारियों के बेस का सबसे बड़ा हिस्सा रखती हैं. इसी तरह इंफोसिस 87,968 करोड़ रुपये खर्च करती है, जो कि कुल सेल्स का 53% है. HCL टेक 66,755 करोड़ रुपये खर्च करती है, जो कि कुल सेल्स का 57% है. विप्रो भी 53,347 करोड़ रुपये खर्च करती है जो कि कुल सेल्स का 60% हिस्सा है. 

10 साल में तीन गुना बढ़ा रेवेन्यू, कर्मचारी दोगुना
अगर बीते एक दशक की बात करें, तो साल 2014 से 2024 के दौरान मार्केटकैप के लिहाज से टॉप की इन चार दिग्गज IT कंपनियों ने सामूहिक रूप से तीन गुना रेवेन्यू ग्रोथ हासिल की है. जो कि तकरीबन 187% है. रेवेन्यू में ग्रोथ वर्कफोर्स में 112% की ग्रोथ की वजह से आई है. जो कि वित्त वर्ष 2014 में 6.5 लाख कर्मचारियों से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 13.82 लाख हो गई. 

कर्मचारियों की संख्या तो बढ़ा ली और रेवेन्यू ग्रोथ भी मजबूत कर लिया, लेकिन IT कंपनियों को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी. इसी अवधि के दौरान कर्मचारियों पर होने वाला खर्च (जैसे सैलरी, बोनस, बेनिफिट्स आदि) 206% तक बढ़ गया है. यानी जितनी तेजी से कमाई बढ़ी, उससे कहीं ज्यादा तेजी से कर्मचारियों पर होने वाला खर्च बढ़ गया. यह दिखाता है कि कंपनियों को अपने लोगों को बनाए रखने, उनकी सैलरी बढ़ाने और नए कर्मचारियों को ट्रेन करने के लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है, ताकि ये सेक्टर अपनी ग्रोथ बनाए रख सके.


IT कंपनियों के अलावा, बैंकिंग ऑटो सेक्टर की भी कंपनियां हैं जो अपने कर्मचारियों पर मोटा पैसा खर्च करती है. HDFC बैंक को ही ले लीजिए, जिसने FY25 में 34,167 करोड़ रुपये खर्च किए जो कि उसकी कुल आय का 10.16% है. बैंक ने FY24 में कर्मचारियों पर 31,023 करोड़ रुपये खर्च किए, FY23 में 20,016 करोड़ रुपये खर्च कि जबकि FY22 में 15,897 करोड़ रुपये खर्च किए. यानी FY22 से लेकर FY25 के दौरान कर्मचारियों पर खर्च करीब 115% तक बढ़ गया. इसके अलावा, SBI, टाटा मोटर्स,  L&T, कोल इंडिया, RIL जैसी कंपनियां भी हैं जो अपने कर्मचारियों पर खर्च करती है. 

अब सवाल ये उठता है कि IT कंपनियां अपने कर्मचारियों पर ज्यादा क्यों खर्च करती हैं? देखिए, हर इंडस्ट्री के लिए एसेट अलग अलग होते हैं. जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए उनके एसेट फैक्ट्री की बिल्डिंग और मशीनें होती हैं. इसलिए वो उनका खास ख्याल रखते हैं, उनको डैमेज होने से बचाने के लिए पैसे खर्च करते हैं. फैक्ट्रियों के लिए उसके कामगार उतने जरूरी नहीं होते, उन्हें आसानी से रिप्लेस किया जा सकता है.  

IT कंपनियां कर्मचारियों पर क्यों खर्च करती हैं
लेकिन IT कंपनियों के लिए फैक्ट्री और मशीनरी जैसी कोई चीज एसेट नहीं होती, उनके लिए एसेट उनके कर्मचारी होते हैं, उनका तेज दिमाग होता है, इसलिए IT कंपनियों उनकी ट्रेनिंग पर बहुत ज्यादा खर्च करती हैं. उनको एक्सपर्ट बनाने के लिए काम के लिए तैयार करती है. कर्मचारियों में ये निवेश बहुत जरूरी होता है क्योंकि उनका काम सीधे तौर पर क्वालिटी और एफिशिएंसी से जुड़ा होता है. वो जितना ज्यादा कंपनियों को ट्रेनिंग देंगी, उतना ज्यादा इनोवेशन कर्मचारियों करवा सकेंगी. कर्मचारियों की ट्रेनिंग में वक्त और पैसा दोनों लगता है, ऐसे में कर्मचारी कहीं जॉब छोड़कर न चला जाए, उसको रिटेन करने में भी कंपनियों को लागत लगती है. 

IT इंडस्ट्री को बेहद हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है. जिससे टॉप टैलेंट के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है. इन कर्मचारियों को लुभाने के लिए और बनाए रखने के लिए, कंपनियों को मोटा पैकेज भी ऑफर करना पड़ता है. बस यही वजह है कि उनकी लागत बढ़ती चली जाती है.

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